खामोश रहने की मजबूरी है अभी
ख्वाहिशेँ सारी अधूरी है अभी
ख्वाब सारे सच कहाँ हुए हैँ
हसरतोँ और किस्मत मेँ दूरी है अभी
खुल कर खेले तबस्सुम ये नियामत नहीँ मिली है
फ़क़त मुस्कुराने की मंज़ूरी है अभी
डर है कहीँ तुम भूल न जाओ मुझे
लिखते रहना मेरा ज़रूरी है अभी
[written by- Sneha Gupta]
GOD BLESS YOU
your true friend SNEHA
ख्वाहिशेँ सारी अधूरी है अभी
ख्वाब सारे सच कहाँ हुए हैँ
हसरतोँ और किस्मत मेँ दूरी है अभी
खुल कर खेले तबस्सुम ये नियामत नहीँ मिली है
फ़क़त मुस्कुराने की मंज़ूरी है अभी
डर है कहीँ तुम भूल न जाओ मुझे
लिखते रहना मेरा ज़रूरी है अभी
[written by- Sneha Gupta]
GOD BLESS YOU
your true friend SNEHA
ख्वाब सारे सच कहाँ हुए हैँ
ReplyDeleteहसरतोँ और किस्मत मेँ दूरी है अभी
खुल कर खेले तबस्सुम ये नियामत नहीँ मिली है
फ़क़त मुस्कुराने की मंज़ूरी है अभी
ye panktiya khas pasand aayi... Acchi rachna
thank you very much alokji
ReplyDeletemaine apne novel ke liye facebook par ek page banaya hai.
i request you to join it plz.
http://www.facebook.com/?ref=home#!/pages/For-What-You-Are/214364005260477
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